Tosha ki Original Shayari |
मेरी वफ़ा का चाँद क्यों निकलता नही Posted: 17 Aug 2009 10:39 PM PDT पता नही … यह दिल है या कोई मोहब्बत यह सोच है या कोई सख्सियत वो बेवफा थी या मेरी किस्मत मैं नही ग़रीब तो कहा है मेरी रियासत? एक सोच है…. है कोई भीतर जलता दिया है कोई ज्वाला उधर सुलगता मैं खोजुं या थम जाउन मॅन फसिला न ले सका यह ज़िंदगी है…. मैं भी बहुत साज़दे किए घुट घुट के लम्हे जीए बेवफ़ाई से मौत [...] |
You are subscribed to email updates from World of Original Shayari and Poetry To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google Inc., 20 West Kinzie, Chicago IL USA 60610 |
No comments:
Post a Comment