Wednesday, July 15, 2009

"ना अब वों राह है..ना अब वों हम…!!!"

बदल सा गया कुछ, ना रहे अब वों हमखो गए ख्याल, टूट गई है कलमचलते चलते लिया वक्त ने यूँ मोड़जा रहे थे कहीं, चल दिए कहीं हमना कहने को कुछ, ना सुनने की ख्वाहिशहर जज्बे से खाली जैसे अब हुए हमअस्खों का समुन्दर उमड़ रहा है दिल मैंखुश्क हैं लेकिन, नहीं हैं आँखें नमखो रहे हैं पुराने, जुड़ रहे नए रिश्तेना अब वों राह है॥ ना अब वों हम.....पलक

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